महा शिवरात्रि - मधु शुक्ला
Mar 9, 2024, 22:42 IST
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शक्ति और शिव के संगम को, हितकारी सबने माना,
इसीलिए शिव रात्रि पर्व को, वंदनीय जग ने जाना।
सत्यम, शिवम, सुन्दरम ही तो, ओम नाद में बसता है,
मानवता से सज्जित मन को, भाव यही तो करता है।
शुचि कर्मों से रहे प्रकाशित,जीवन पथ मन खुश रहता,
धैर्य,क्षमा,उपकार त्याग को,मानव अधिकाधिक गहता।
प्रेम, एकता, भाई चारा, जब वसुधा पर रहते हैं,
विश्व महकता अपनेपन से, उन्नति के सर बहते हैं।
भाव महा शिवरात्रि यही तो, जन जीवन में बोता है ,
मार्ग मुक्ति का भक्ति भजन से, हमको हासिल होता है।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश