मकस कहानिका हिंदी पत्रिका छत्तीसगढ़ अध्याय का अ. भा.कवि सम्मेलन सह मुशायरा का शानदार आयोजन संपन्न

 
pic

Utkarshexpress.com दुर्ग (छ.ग.): - मकस कहानिका हिंदी पत्रिका (महिला कल्याण समिति ढोरी, बोकारो द्वारा संचालित) छत्तीसगढ़ अध्याय द्वारा शायर नावेद रजा दुर्गवी के जन्म दिन के अवसर पर आ. कैलाश बरमेचा जी(कमला मोटर्स, कमला टेकटाईल्स )के सहयोग से दुर्ग 12 मई रविवार 2024 को कमला मोटर्स के सभागार में राष्ट्रीय सम्मान व अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, सह मुशायरा का आयोजन किया गया ।
   जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से सरस्वती पुत्र/पुत्रियाँ  कवि/शायर, कई अदब नवाज हस्तियाँ, एवं शहर के नामी गिरामी उद्योग पति, ग़ज़ल, कविता, रचनाओं, को समझने वाले शहर/ग्रामीण क्षेत्र से सुनने के लिए दूर दराज से इस प्रोग्राम का हिस्सा बने और भरपूर आनंद उठाया। कवि सम्मेलन सह मुशायरे के मुख्य अतिथि आद.श्याम कुँवर भारती ( केंद्रीय प्रधान सम्पादक/संयोजक)मकस कहानिका ), सभा अध्यक्ष आ. कैलाश बरमेचा (कमला मोटर्स, कमला टेकटाईल्स, )विशिष्ट अतिथि जुग्रेश चंद्र दास (पटल  के काव्य गुरु) रायपुर, उत्तम भंडारी समाज सेवक, ज्वेलरी व्यापारी )दुर्ग एवम् हाजी ताहिर निजाम  साहब( टाप वाँच, टाप फैन्सी डेस शाँप)दुर्ग और राज्य प्रभारी मकस कहानिका  छ.ग.के आ.नरेन्द्र वैष्णव "सक्ती'' की गरिमामय उपस्थिति रही।
मंच संचालन निजामत कर्ता रहे अंतरराष्ट्रीय अफसाना निगार ऊर्दू, हिन्दी, अग्रेंजी भाषा के जानकार मोहतरम डाँ. रौनक जमाल साहब के जरिए बाखुबी से इस काम को अज़ाम दिया , और आखिर तक सभी को अपने शब्दों से बाँध कर रखा। शुरू से मकस कहानिका छ.ग.के राज्य सलाहकार  आद.दिलीप टिकरिया के साथ  पटल के कवियों और शायरों की उपस्थिति रही ।     कार्यक्रम की शुरूवात नाअत पाक शायर अलोक नारंग जी ने कलाप पढ़ प्रोग्राम का अग़ाज किया । स्वागत भाषण आ. नरेन्द्र वैष्णव ने दिया और सरस्वती वंदना आ.आशा झा ने किया, छतीसगढ़ मातारी गीत आ.दिलीप कुमार टिकरिया ने गाया।
      इसके पश्चात शायर नवेद रज़ा दुर्गवी जी के जिन्दगी पे और सुखन साजी के सफर कैसे तय कर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं, इसे बहुत बेहतरीन अंदाज में मोहतरम रौनक जमाल साहब जी ने पढ़कर सभी को बताया, राष्ट्रीय संपादक श्याम कुँवर भारती जी ने नई  पहल के बारे मे चर्चा करते हुए बताया कि पटल का उद्देश्य नये उभरते हुए काव्य साधकों किस तरह से मौका और प्रशिक्षण दे कर उन्हें बड़ों मंचों पर स्थापित किया जाये।जो उनकी मेहनतों को एक उचाईयों मिल सके इस पटल का ये उद्देश्य भी है।मकस कहानिका का पटल सिर्फ हिन्दुस्तान मे ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चल रहा है।इनकी चाह है हमारे पटल के उत्कृष्ट कवियों/कवित्रियों को एक सुनहरा मौका दे कर उनके भाग्य का सितारा चमकाया जाये।
    नरेन्द्र वैष्णव ने शायर नवेद रज़ादुर्गवी  के आन बान शान पे कविताओ को पढ़ा।जुगेश चंद्र दास ने पत्नी प्रेम और नाराजगी पर मन को भाने वाली कविता को पढ़ा सभी ने अपनी काव्य प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध किया ।
   कवि सम्मेलन/मुशायरे में  अलोक नारंग, डाँ बीना सिह रागी,रमेश जैन राही,आद.गोविंद पाल जी, प्रदीप भट्टाचार्य (आसपास पत्रिका संपादक),आलोक कुमार दादा (सलाहकार/ संपादक आसपास पत्रिका छत्तीसगढ़ )प्रकाश चन्द्र मंण्डल,अदबी शायर मुमताज साहब जी, गोपाल साहू, प्रखर वर्मा, मुकुल कुमार, कविराज,  मोहम्मद हुसैन रायपुरी, छगन वर्मा, सागर गर्ग ,सतोष कुमार धीमर, मोहतरमा जरीन जमाल,(अंतरराष्ट्रीय अदीबा), श्रीमती मंजू बरमेचा ( कमला मोटर्स, फाईनेंस, टेकटाईल्स, उद्योगपति) नज़मा बेगम (भूतपूर्व सकुल प्रभारी, प्रधान पाठिका छ.ग.शासकीय) तिलोत्तमा पाण्डेय, परवीन बानों कुरैशी बद्र, मनीषा भारद्वाज , डाँ.आर.के.सिह साहब, मिताली वर्मा, मोहतरमा नसरीन बानों, श्रीमती आशा झा,फमीदा शाईन, सरिता शिरीन, मोहतरम सै. अजरुल हसन साहब, डाँ. नौशाद अहमद सिद्दीकी, डाँ.रश्मि अग्रवाल, सुमन पाँडे, सरफराज आलम अंसारी आदि शामिल हुए।
    अंत में कैलाश बरमेचा आभार धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आने वाले समय में इसके स्तर को और बड़ा किया जायेगा। साथ ही सहयोग करने वाले अपने स्टाफ की तारीफ के साथ ही कवि सम्मेलन सह मुशायरे के समापन की घोषणा।
 

Share this story