बात का बतंगड़ बनाना (व्यंग्य) - पंकज शर्मा तरूण

 
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Utkarshexpress.com - हिंदी में एक मुहावरा है बात का बतंगड़ बनाना अर्थात तनिक सी बात को बड़ी कर बताना। जैसे कपड़े की चिंदी को सांप बताना। आजकल हमारे देश में क्या पूरी दुनिया में यही प्रचलन है,अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव हों, रूस यूक्रेन का युद्ध हो या हमास और इजराइल का युद्ध हो अफवाहों का जोर है बमों का शोर है। भारत में भी आजकल लोकसभा चुनाव की लहर चल रही है। आरोप प्रत्यारोप चौके छक्के की तरह लगाए जा रहे हैं सब एक दूसरे को चोर डाकू गद्दार भ्रष्ट साबित करने में लगे परिवारवादी दोनों तरफ हैं मगर मोदी जी इसकी अलग परिभाषा गढ़ते हैं और विपक्षी नेता अलग।
हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बॉलीवुड की एक्ट्रेस कंगना राणावत को घोषित किया है मगर एक्स के हैंडल पर कांग्रेस नेत्री श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कथित रूप से टिप्पणी करके बवाल खड़ा कर दिया है। महिला आयोग एवम अन्य संगठनों ने महिलाओं की अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा कर बात का बतंगड़ बना दिया है, जबकि सुप्रिया ने इस का खण्डन किया है और कहा है कि उक्त टिप्पणी मेरे द्वारा नहीं की गई मेरे एक्स अकाउंट को हैक कर किसी ने यह टिप्पणी मुझे बदनाम करने के लिए की गई है,मगर कोई सुनने को तैयार नहीं। बात का बतंगड़ बनाना पहले चुनाव के समय ही होता था मगर अब तो बारहों मास खाल उधेडऩे का सिलसिला जारी है। कंगना ने तो यहां तक कह दिया कि दो हजार चौदह के पश्चात हमें आजादी मिली है,इसके पहले हम गुलामी में ही जी रहे थे।  बेचारे राहुल गांधी को तो मुंह खोलने की इजाजत ही नहीं है! जब भी बोलता है उसकी बात को तोड़- मरोड़ कर पेश कर माफी मंगवाई जाती है। हमारे देश में कितनी समस्याएं हैं जिन्हें सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
राजनीति एक ऐसा सरोवर है जिसमें सभी प्रकार के तत्व होते हैं। कहीं कमल खिलते हैं तो कही अन्य प्रजाति की वनस्पति यही इस सरोवर की सुंदरता है।प्रकृति ने सभी जीवों को जीवित रहने का वरदान दिया तथा हर प्रकार की व्यवस्था की है खाने पीने से लेकर आनंद लेने तक की। मगर कतिपय चतुर चालाक बाहुबलियों ने इन सभी पर धीरे धीरे एकाधिकार जमा लिया है जो न्याय संगत नहीं है। जियो और जीने दो का नारा सही है।केवल अपना एकाधिकार अप्राकृतिक है। प्रकृति का यह भी नियम है कि आसमान पर कितनी भी ऊंचाई पर वस्तु जाए मगर उसे वापस जमीन पर ही आना है यही गुरुत्वाकर्षण का नियम है। बात का बतंगड़ बनाने का आपको भी उतना ही अधिकार है जितना इन लाल बुझक्कड़ को है! (विभूति फीचर्स)

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