मतलब से सारे मिलते है - अनिरुद्ध कुमार
Updated: Aug 24, 2024, 23:22 IST
कौन यहाँ प्यारे मिलते हैं,
तनमन को जारे मिलते है।
दिन भर ढ़ूंढ़े फिरते जग में,
दिल के सब खारे मिलते है।
अपना गम कैसे कह देते,
दिन में हीं तारे मिलते हैं।
दूभर लगता है अब जीना,
लब पर अंगारे मिलते हैं।
हाल बुरा है कौन सहारा,
धोखा के मारे मिलते हैं।
रंग बदलती दुनिया में सब,
पग-पग पर हारे मिलते हैं।
हाँथ मिलाना मुश्किल है 'अनि,
मतलब से सारे मिलते है।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड