मन कहता है - सुनील गुप्ता 

 
pic

मन
कहता उड़ चलूँ
जाऊँ सात समुंदर पार  !
घूम आऊँ ये जगत सारा.......,
और चलूँ बाँटते खुशियाँ प्यार !!1!!

जीवन
है यहाँ जब तक
ना बैठूंँ हाथ पे हाथ धरे  !
चलूँ महकाए ये मन बगिया.....,
और धुन में गीत सुनाता उड़े !!2!!

खुशियाँ
बढ़ती जीवन में
जब देते औरों को हैं खुशियाँ  !
आओ चलें मन को ले वहाँ......,
जहाँ कल-कल बहती हों नदियाँ !!3!!

उड़ता
मन का पंछी
ठहरे एक पल कभी ना यहाँ  !
चले बस ये मन की सुनता......,
और रहता हर हाल में मस्त बना !!4!!

मनमौज़ी
चले है हर्षाए
गुनगुनाए जीवन के सुंदर गीत  !
चहुँ ओर बरसाए चले है आनंद......,
और बनाए सभी को अपना प्रिय मीत !!5!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान
 

Share this story