नारी - सुनील गुप्ता
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नारी
है शक्ति
जीवन का संबल,
और सदा चले बनाए धैर्य प्रबल !
नारी शक्ति के आगे सभी हैं नतमस्तक....,
फिर चाहें हों राजा महारथी कोई सबल!!1!!
नारी
है भक्ति
प्रेममयी एक रसधारा,
और रहे सतत बहती स्नेहधारा !
नारी भक्ति के आगे झुक आते हैं ईश्वर..,
फिर हों चाहें वो सीता सावित्री या मीरा!2!!
नारी
है देवी
दुर्गा सरस्वती भगवती
और बिन उसके ना चले घर संसार !
नारी है मुख्य संरचना घर परिवार की..,
जिससे बनी रहे सदैव सुख शांति अपार !!3!!
नारी
है प्यार
अज़स्त्र प्रेम सागर,
और हैं जिसमें छिपे सुंदर गौहर दिव्य !
नारी चाहे तो बना सकती है जीवनस्वर्ग..,
फिर ये संसार चले दिखे अप्रतिम भव्य!!4!!
नारी
है चेतना
प्रभु का श्रीवरदान,
और बनी सभी के लिए प्रेरणा का आधार !
नारी को कमतर कभी ना यहाँ आंकें.....,
है नारी तो है प्रेम खुशियों से भरा ये संसार!!5!!