निर्जला उपवास - सम्पदा ठाकुर

 
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जीवित पुत्री का व्रत का उपवास 
है निर्जला उपवास 
महिलाएँ अपनी संतान की
लम्बी आयू के लिए 
करती है पह व्रत-उपवास 
रहती है भक्ति में लीन 
36 घंटे भूख प्यास को त्याग 
ताकि हो सके पूरी उनके 
संतान की सारी मुराद 
एक तपस्या की तरह की होता
है जिउतिया का उपवास 
जो दर्शाता है मां का अपनी 
संतान के प्रति अगाध प्यार 
भूल से भी कभी मां को 
करना नही निराश 
यह जीवन तो है मां का ही उपकार 
हर संतान होती है अपनी 
मां का कर्जदार 
ये कर्ज ऐसा कर्ज है की 
इस जनम तो क्या उस जनम में भी
नही सकता है कोई उतार। 
- सम्पदा ठाकुर, मुंगेर, बिहार  

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