लोकसभा चुनाव में जमकर छाए पांच महीने के मुख्यमंत्री मोहन यादव - पवन वर्मा

 
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utkarshexpress.com मध्य प्रदेश - डॉ. मोहन यादव जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 5 महीने पहले शपथ ले रहे थे, तब प्रदेश की जनता के मन में कई सवाल उमड़े थे। सवाल कई तरह के थे कि क्या तीन बार के विधायक रहे यादव प्रदेश की सियासत पर  छा पाएंगे। मध्य प्रदेश की राजनीति में उनका कद कितना बढ़ पाएगा।  कैसे राजनीति में अपने पद के अनुसार जनता में पैठ बनाएंगे। ऐसे कई अनसुलझे सवाल जनता के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के  मन में थे। अब इन सभी सवालों के जबाव  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कार्यशैली को देखकर मिलने लगे हैं। अब भाजपा के साथ ही आम जन भी डॉ. मोहन यादव की प्रशासनिक और राजनीतिक दक्षता का लोहा मानने लगे हैं। उन्होंने अपनी कार्यशैली से मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन को भी जीता है, तब ही प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव की सभाओं में मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर भी डॉ. मोहन यादव के काम काज की जमकर तारीफ की।
डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बने अभी मात्र 150 दिन ही हुए हैं, लेकिन उनके इस छोटे से कार्यकार्य में उनकी लोक लुभावन मनमोहक छवि उभरकर सामने आई है जो लोकसभा चुनाव में जमकर चल भी रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही अपने काम काज में प्रशासनिक दक्षता दिखानी शुरु की और कई कठोर निर्णय लेकर उन्होंने अपनी छवि लोक लुभावन नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया। इस प्रयास में वे लोकसभा के चुनाव आते आते सफल माने जा सकते हैं। जब वे मुख्यमंत्री बने थे, तब महिलाओं के मन में एक भय था कि कहीं लाड़ली बहना के रूप में हर महीने 1250 रुपए की राशि बंद तो नहीं हो जाएगी, डॉ. मोहन यादव ने इस योजना को सुचारू रखा और यहां महिलाओं के मन से योजना के बंद हो जाने का भय भी निकाल दिया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले लाउडस्पीकर और खुले में मांस की बिक्री पर रोक के आदेश जारी किए। आदेश जारी कर उसका पालन करवाना टेढ़ी खीर था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने आदेश को लेकर जो सख्ती दिखाई तो हर जिले का प्रशासन इन दोनों आदेशों का पालन करवाने में जुट गया। दरअसल प्रदेश में खुले में बिकने वाले मांस से खासकर शाकाहारी महिलाएं परेशान थी। बदबू और गंदगी के कारण लोगों का भी सडक़ों पर चलना दूभर था। उस स्थिति में यह आदेश हिन्दू और जैन परिवारों के लिए राहत का काम कर गया। इसके अलावा भी उनके कई ऐसे निर्णय रहे जो उनकी छवि को जनता के बीच में निखारते रहे।
लोकसभा चुनाव की जब आचार संहिता लगी तब शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि मध्य प्रदेश के महज चंद महीनों के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की लोकप्रियता इतनी हो जाएगी कि उन्हें हर दिन सभा या रोड शो करना ही पड़ेगा। चुनाव शुरू हुए उम्मीदवार मैदान में उतरे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव की चुनावी सभाओं की  डिमांड आना शुरू हुई। यह मुख्यमंत्री की चंद महीनों में बनी लोकप्रियता का ही नतीजा है कि लोकसभा चुनाव में उनकी सभा मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी असरकारक मानी जाने लगी है।
 *ढाई सौ चुनावी कार्यक्रम कर दिए डेढ़ महीने में* 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के एक मात्र ऐसे नेता हो गए हैं जो लोकसभा चुनाव में अब तक 197 सभाएं और 56 रोड शो चुनाव में किये। वे मध्य प्रदेश के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 185 क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे।उनके यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश में हुए। इनके अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में भी वे चुनाव प्रचार के लिए गए। उन्होंने मध्य प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में सभाएं की। साथ ही जहां चुनावी सभा की वहीं वे उस क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी पहुंचे। इसके अलावा वे 29 में से 22 लोकसभा उम्मीदवारों के नामांकन भरवाने के लिए पहुंचे।  इस चुनावी कैम्पेन में वे कभी भी पूरे एक दिन राजधानी भोपाल में नहीं रहे। अमेठी में वे स्मृति ईरानी का नामांकन भरवाने भी गए। राजनीति में पांच  महीने के मुख्यमंत्री की जनता में इतनी पकड़ कि उनकी हर जगह से डिमांड आए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं लगता है। अब उनकी डिमांड असम राज्य से भी आ रही है। हो सकता है कि उनका अब जल्द ही असम के लिए भी दौरा कार्यक्रम बने है। उत्तर प्रदेश की बची हुई लोकसभा सीटों के चुनाव में भी वे प्रचार के लिए जाएंगे।
*प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश  में की तारीफ* 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डॉ. मोहन यादव के काम काज से खासे प्रभावित हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इटावा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के काम काज की तारीफ जमकर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम क्षेत्र की सभा में कहा कि यहां के मुख्यमंत्री बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। वहीं उन्होंने प्रदेश की  कई अन्य सभाओं में भी डॉ. मोहन यादव की तारीफ की। इसके बाद उत्तर प्रदेश के इटावा की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एमपी को दौड़ा रहे हैं। खास बात यह थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सभा में डॉ. मोहन यादव थे ही नहीं ।उनकी अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री ने उनके काम काज की तारीफ दूसरे राज्य में की।  चुनाव प्रचार के दौरान रोड शो भी हो रहे हैं, इसी से उत्साहित मुख्यमंत्री ने 65 किलोमीटर लंबा रोड शो भी मध्य प्रदेश में किया। मुख्यमंत्री के तूफानी चुनाव प्रचार में खास बात यह रही कि उन्होंने जनता की बात के साथ अपनी सरकार के कामकाज गिनाए। मौका मिलने पर वे राहुल गांधी पर जुबानी हमला करने से भी नहीं चूके। अब डॉ. यादव की सभाओं और रोड शो का नतीजा भी 4 जून को मतगणना के साथ अपने आप ही आ जायेगा। मुख्यमंत्री का दावा है कि इस बार मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को विजय  प्राप्त होगी। मध्यप्रदेश में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 27 और 2019 में 28 लोकसभा सीट जीती थी। इस बार यदि 29 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिलती है तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री को ही जायेगा। (विनायक फीचर्स) लेखक-पवन वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक

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