पिया मिलन - डा० क्षमा कौशिक
Sep 5, 2023, 22:37 IST

पावस पयस पयोध घन
बरस रहे बे अंत,
प्रेमाकुल आतुर जिया
कल न परे बिन कंत।
प्रेम भरी रस की गागरी
हुलर उमगते अंग,
पिया मिलन को बांवरी
भूल गई सब ढंग।
- डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड