प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी से संवरी जनजातीय नायकों जिंदगी

 
pic

utkarshexpress.com मध्य प्रदेश - जनजातीय नायकों को समुचित सम्मान दिलाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल की। इसके साथ ही प्रदेश के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम गोंड रानी कमलापति के नाम पर कर जनजातीय समाज को गौरवान्तवित किया। सही मायनों में जनजातीय गौरव को जनता से जोड़ने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है जिनके नेतृत्व में जनजातीय समाज देश में पहली बार एकजुट हुआ। इसके बाद जनजातीय नायकों की गाथाएं सभी की जुबान पर आई। प्रदेश में डबल इंजन सरकार के प्रयासों से वन क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय समाज के लोगों को वनाधिकार पट्टा मिला एवं पेसा एक्ट लाकर उनके जीवन में नया सवेरा लाने का काम हुआ है। जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक पाठशालाओं, माध्यमिक पाठशालाओं, हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी और कन्या शिक्षा परिसरों की संख्या तेजी से बढ़ रही  है। 
प्रभावी योजनाओं के क्रियान्वयन से बदली तस्वीर - 
सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से सही मायनों में जनजातीय समुदाय का सशक्तिकरण हुआ है। पेसा कानून के तहत जो नियम बनाए हैं, उसमें जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समुदाय को दिया गया है।  प्रदेश में पेसा एक्ट लागू कर जनजातीय समाज को अधिकार सम्पन्न बनाया गया । 
जनजातीय युवाओं को रोजगार से जोड़ा -
जनजातीय युवाओं को स्व-रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश में बिरसा मुण्डा स्व-रोज़गार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना लागू की गई है। विशेष पिछड़ी  जनजातीय बैगा, भारिया, सहरिया, कोल समाज की बहनों को एक हजार रुपया प्रतिमाह आहार अनुदान दिया जा रहा है। डबल इंजन सरकार के प्रयासों से जनजाति कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंच रहा है। इससे सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्तर पर जनजातीयों का विकास  हुआ है और वह तीव्र गति से समाज की मुख्य-धारा में आकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। 
पिछड़ी जनजातियों के जीवन में सुधार ही प्रदेश सरकार का लक्ष्य - 
मध्य प्रदेश की बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार ने खाका तैयार किया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पीएम जनमन के तहत होने वाले विभिन्न विकास कार्यों एवं कल्याण गतिविधियों का रोडमैप तैयार कर लिया है। इसके तहत प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों का कायाकल्प करने की तैयारी है। रोडमैप के अनुसार 100 जनसंख्या वाले गांव या बसाहटों को भी पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा।  981 संपर्क विहिन बसाहटों में 2403 किलोमीटर लम्बाई की 978 सड़कें बनाई जाएंगी। इन सड़कों पर 50 पुल बनाने की तैयारी की गई है। रोडमैप के अनुसार इस पर तीन साल में 2354 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
प्रदेश के विकास में जनजातीय वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण - 
देश की कुल जनसंख्या में जनजातीय जनसंख्या का प्रतिशत 8.63 है और मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय की संख्या तकरीबन 1 करोड़ 53 लाख है, जो कुल आबादी का 21 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखंड जनजातीय समुदाय बहुल हैं। राज्य विधानसभा की 47 सीटें और लोकसभा की 6 सीटें अनुसूचित जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित हैं। 35 सीटें ऐसी हैं जिनमें जनजातीय मतदाताओं की भूमिका निर्णायक है।

Share this story