प्रेम - अनिरुद्ध कुमार
Sun, 12 Mar 2023

प्रेम लगे है जिंदगी, प्रेम मधुर सुर तान,
प्रेम समाये प्रीत है, मधुरिम है मुस्कान।
प्रेम लगे सबसे बड़ा, जीवन को उपहार,
प्रेम लुटा जग जीतले, प्रेम लगे सुखशान।
प्रेम बड़ी नादान है, प्रेम लुटाये जान,
प्रेम बिना सूना जहाँ, प्रेम लगे वरदान।
प्रेम हँसे झूमें गगन, प्रेम लगे सुखसार,
प्रेम लबों का गान है, प्रेम रहे सरतान।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड