पूर्णिका - श्याम कुंवर भारती
Dec 16, 2023, 23:13 IST
बड़े बेदर्दी बलम हो मुझपे रहम क्या करोगे,
करते नही कभी फिक्र मेरी सनम क्या बनोगे।
दिल मेरा बड़ा नादां वादा इश्क तुझसे कर बैठा,
पल भर तुम मिले नही साथ जनम क्या रहोगे।
तोड़ा है दिल मेरा तुमने कच्चे कांच की तरह,
ढाया है कहर कितना और जुल्म क्या करोगे ।
करके मिलने का वादा नही आए नजर थक गई,
तड़पा है जितना दिल मेरा और सितम क्या करोगे।
भूखा है भारती सिर्फ तेरे प्यार का मेरे यार सुनो,
राज दिल का छुपा न सके बात हजम क्या करोगे।
- श्याम कुंवर भारती, बोकारो, झारखंड