राम सेतु - सुनील गुप्ता
(1)" रा ", राह
माँग के समुद्र से
श्रीराम जी ने दिखलायी शिष्टता !
पर,जब काम ना आया अनुनय-विनय.,
तब, चढ़ाई श्रीराम जी ने धनुष पे प्रत्यंचा !!
(2)" म ", मग्न
समुद्र देव घबराए आए
प्रभु चरण पड़ के, माँगी क्षमा याचना !
और फिर राह देकर तुरंत अविलम्ब..,
जुटी सेतु निर्माण कार्य में पूरी वानर सेना !!
(3)" से ", सेवा
के इस पुनीत कार्य में
जीव-जंतु वानर सभी जुट पड़े !
चले श्रीरामजी का नाम लिखते शिलाओं पे,
और तैरती शिलाओं से सेतु बनता चले !!3!!
(4)" तु ", तुरंत
फुरत में सेतु बना
और श्रीराम सेना ने लंका पे बोला धावा !
रावण को दी गयी कई बार चेतावनी..,
कि,मानले बात,रामजी की शरण में आजा!!
(5)" रामसेतु ", रामसेतु, है सबसे बड़ा प्रमाण
कि, श्रीरामजी किंवदंती नहीं हैं सत्य !
सीता माताजी की खोज में बना सेतु अहम्..,
अंततोगत्वा खत्म हुआ रावण का राज्य !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान