रंगोत्सव - मधु शुक्ला

 
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त्यौहारों से प्रेम बहुत ही, भारतवासी करते हैं।
मेल जोल उत्साह उमंगें, साथ हमेशा रखते हैं।

पर्व मनाने से ही अपना, लगता है संसार हमें,
अपनेपन से मिलवाते हैं, ज्यादातर त्यौहार हमें।
आयोजन हो जब उत्सव का, तब ही सब मिल हँसते हैं...... ।

अनगिन हैं त्यौहार हमारे, सब संदेशा लाते हैं,
किन्तु होलिका जैसा हम सब, पर्व न कोई पाते हैं।
होली में ही हास्य, रंग से, मैल दिलों के धुलते हैं..... ।

प्रेम, एकता के रंगों से, पावन मन जब सजता है,
भाईचारा बढ़ता है बल, मानवता को मिलता है।
बात यही होली बतलाती, वयोवृद्ध यह कहते हैं...... ।
-  मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश
 

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