मेरे लिए - रश्मि मृदुलिका

 
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ऋजु मन लिए केवल तुम हो,
जीवन की पूर्णता केवल तुम हो। 
काया से बना मासूम अंश मेरा हो, 
निश्छल मेरे लिए केवल तुम हो। 
मातृत्व का मान मेरा तुम हो,
जीवन का सहज आधार तुम हो। 
निस्तेज देह में सजीव जी रही हूँ,
मृदु स्पर्श निष्कपट प्यार तुम हो। 
कटु क्षणों में मधुरता बिखेर रहे हो,
प्रेम भरी अंखियो से सहेज़ रहे हो। 
प्रिय हो तुम मेरे आँखों के तारे हो,
टूकड़े हृदय के तुम ही समेट रहे हो। 
- रश्मि मृदुलिका, देहरादून, उत्तराखंड

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