जिंदगी सवाल करती हैं - रश्मि मृदुलिका
Sep 10, 2023, 21:39 IST

जिंदगी बहुत शोर करती है,
हर रोज एक सवाल करती है।
रख कर आईना मेरे सामने,
मुझसे ही मेरी पहचान करती है।
पूछती है तू मासूम है या कहीं मूढ़ है,
तुने स्वयं को छला , खुद तू अपराधी है,
पत्थर के भगवानों में भरोसा कर बैठी,
ठोकरों से क्यों तू न संभलती है।
जिंदगी पूछती है? अमूल्य हूँ मैं,
काग़ज़ के टूकडो़ में उतरती हूँ तेरे लिए,
व्यर्थ न कर रक्तिम अश्रुओं से भिगोकर,
आखर जिंदगी के रख मोती पिरोकर,
सवाल न बना, जिंदगी तेरा उत्तर हूँ।
दर्द की ओषधि बन ,तेरे लिए प्रत्यक्ष हूँ,
समझ मोल अपना, न उलझनें बढ़ा,
तेरे हर सवाल का जवाब मैं बनता हूँ।
- रश्मि मृदुलिका, देहरादून , उत्तराखंड