रिश्ता (भोजपुरी तोटक छंद) - अनिरुद्ध कुमार

 
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रिश्ता पर जेकर जान फिदा।
समझीं उनके पहचान सदा।
सबसे बड़का सम्मान लगें।
रिश्ता बिन सून जहान लगें।

रिश्ता घर बाहर खूब चलें।
रिश्ता पर सूरज चाँद खिलें।
रिश्ते पर सागर गागर बा।
रिश्ते पर बाउर आगर बा।

रिश्ता जग में परधान लगें।
रिश्ता सबके अरमान लगें।
रिश्ता बड़का जगजाहिर बा।
रिश्ता समझीं बड़ माहिर बा।

रिश्ता मन में रसधार बहे।
रिश्ता सुनतें तन प्राण हँसें।
रिश्ता कहतें सुखसार लगें।
रिश्ता मनमोहक हार लगें।

रिश्ता मिसरी सन मीठ लगें।
रिश्ता समझीं मनजीत लगें।
रिश्ता मनभावन गीत लगें।
रिश्ता जग में जगजीत लगें।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड
 

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