बालश्रम का जंजाल - रोहित आनंद
Nov 29, 2024, 22:06 IST
बचपन की मासूमियत को,
छीन लेता है बालश्रम का जाल।
नन्हें हाथों में काम का बोझ,
भविष्य की राहों में अंधकार का साज।
बच्चों की मुस्कान को मिटा देता है,
बालश्रम का दंश, उनकी जिंदगी को सीता देता है।
उनके सपनों को तोड़ देता है,
बालश्रम का जंजाल, उनकी आत्मा को रुला देता है।
आइए मिलकर बालश्रम के खिलाफ लड़ें,
बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
उनकी मुस्कान को बचाएं,
बालश्रम के जंजाल से मुक्ति दिलाएं।
- रोहित आनंद बांका, डी. मेहरपुर, बिहार