श्री राम सवैये - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 
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राम बड़े जननायक हैं महिमा उनकी जग में अति भारी,
आकुल हैं सब दर्शन को बसती मन में छवि शांत सुखारी।
मंदिर भव्य अनूप बने परिपूरित हो यह आस हमारी,
राम सिया जब गेह बसें तब हर्षित हों जग के नरनारी।

जन्म लिया नवमी तिथि को अति पुण्य घड़ी शुभ चैत्र महीना,
कौशल राय जगे बड़ भाग मिला हवि से जब राम नगीना।
मातु बनी धनवान बड़ी सुत राम लला सम और कहीं ना,
भाग्य जगे जन मानस के अवतार लिया बन राम प्रवीना।

जन्म लिया नवमी तिथि को अति पुण्य घड़ी शुभ चैत्र महीना,
कौशल राय जगे बड़ भाग मिला हवि से जब राम नगीना।
मातु बनी धनवान बड़ी सुत राम लला सम और कहीं ना,
भाग्य जगे जन मानस के अवतार लिया बन राम प्रवीना।

दीक्षित हो गुरु से जब वापस मातु-पिता गृह राम पधारे,
माँग लिया नृप से मुनि ने कह राम चलें अब संग हमारे।
मार सुबाहु व ताड़क दानव यज्ञ सुरक्षित वो कर डारे
शापित थी वनिता ऋषि गौतम दे पग धूलि उन्हें प्रभु तारे।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश
 

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