श्रीराम पधारे हैं - विनोद निराश
अयोध्या में श्रीराम पधारे हैं,
चहुँ दिश प्रीतम से नज़ारे हैं।
करूँ हर पल स्मरण उनका,
दीन-दुखियों के जो सहारे हैं।
सजी है आज फिर अयोध्या,
हर तरफ श्रीराम के नारे हैं।
कहीं पर मंगल गान हो रहे,
कहीं पर राम धुन पुकारे हैं।
केसरिया बनी राम नगरी,
लबो पे राम के जयकारे हैं।
शुभ घडी, पावन अवसर पर,
घर-आँगन सभी ने संवारें हैं।
है जिन चरणों में स्वर्गलोक,
वही श्रीराम सबको प्यारे हैं।
दुष्टों के कारण ही कुछ दिन,
तुमने तिरपाल में गुजारे है।
अधूरे से स्वप्न थे जो कभी,
यथार्थ की भू पर उतारे हैं।
जनमानस नें शोर मचाया,
पग राम के हमने पखारे है।
अवध को लौटे सिया राम,
भाग्य जन-जन के सुधारे है।
सनातन जागा तब जाकर,
जन्मभूमि आपकी सुधारे हैं।
निकाले मन से निराश भाव,
वही तो पुरुषोत्तम हमारे हैं।
- विनोद निराश, देहरादून
(श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा दिवस 22 जनवरी 2024 ऐतिहासिक दिन - बुधवार )