बरसात से चहुँओर हाहाकार मचा - सुनील गुप्ता
Jul 27, 2024, 22:52 IST
( 1 ) मचा
हाहाकार अब चहुँओर,
और हुआ जन जीवन अस्त व्यस्त !
नित बरस रहीं घनघोर घटाएं यहाँ पे सतत...,
जिसे देख हुआ जन मन सारा अवाक और पस्त !!
( 2 ) रचा
खेल इंद्रदेव का,
अब दिखा रहा बर्बादी का मंज़र !
सब गाँव शहर बनते चले गए दरिया जैसे..,
और मिला न बचने का ठौर, न ही कोई डगर !!
( 3 ) बचा
न जीव-जंतु ,
इस अतिवर्षा की आफ़त मार से यहाँ पे !
और निकल पड़े सभी छोड़के घरबार सामान पीछे...,
ताकि बच पाएं तो पुनः लौट आएंगे यहाँ फिरसे!!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान