सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय मंच “अंजुमन-ए-पंखुड़ी” कुवैत द्वारा सुनीता माहेश्वरी के “पग पग धूप छाँव” (कहानी संग्रह) का लोकार्पण
utkarshexpress.com - संवेदनाओं से जुड़ी सुप्रसिद्ध लेखिका सुनीता माहेश्वरी के कहानी संग्रह “पग पग धूप छाँव” का ऑन लाइन लोकार्पण लब्ध प्रतिष्ठ कवयित्री एवं मंच संचलिका संगीता चौबे पंखुड़ी के कुशल संचालन में विश्व के सम्मानित साहित्यकारों द्वारा 2 अप्रैल रात्रि 8 बजे किया गया | कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ माधवी जाधव जी (पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग, विवेकानंद कॉलेज, कोल्हापुर, महाराष्ट्र ) ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा –“प्रत्येक कहानी वर्तमान लोक जीवन की विविध समस्याओं का कलात्मक दस्तावेज है तथा लेखिका के संवेदनशील, चिंतनशील और समाजधर्मी व्यक्तित्व का परिचायक है । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.अलका प्रमोद जी ने कहा- ‘‘पग पग धूप छाँव’’ सुनीता माहेश्वरी जी के कहानी संग्रहों का वह स्तवक है जो सकारात्मक पुष्पों के विभिन्न रंगों के साथ समाज को सुगंधित करेगा । विशिष्ट अतिथि, रेडियो एवं रंगमंच कलाकार नूतन वशिष्ठ जी ने पुस्तक में संग्रहीत “भोर का उजाला” कहानी का भावपूर्ण वाचन कर कहानी में प्राण फूँक दिए | श्रेष्ठ कवयित्री संगीता चौबे पंखुड़ी जी (कुवैत) ने कहा, “ये हृदय स्पर्शी सकारात्मक कहानियाँ घर घर में पढ़ी जानी चाहिए | साथ ही स्कूल, कॉलेज की लाइब्रेरी में भी रखी जानी चाहिए | सुप्रसिद्ध कलाकार सुबोध माहेश्वरी (यू, एस ए) ने लेखिका को बधाई देते हुए कहा आप निरंतर समस्याओं का समाधान सुझाती ऐसी सकारात्मक कहानियाँ लिखती रहें | इस संग्रह की सबसे पहली कहानी “जांबाज़ सैनिक” 1889 मिसाइल रेजिमेंट कारगिल के योद्धा नायक दीपचंद की एक सच्ची कहानी के एक अंश का वाचन सुप्रतिष्ठित कवयित्री सारिका फलोर (केन्या) द्वारा किया गया | लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार अनु बाफ़ना जी ने इस संग्रह को उत्कृष्ट कहानी संग्रह कहा | अंत में लेखिका सुनीता माहेश्वरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया |