दी फलदाई बा - अनिरुद्ध कुमार
Apr 18, 2023, 20:52 IST

ई दुनिया हरजाई बा,
मतलब के सौदाई बा।
हरकेहू अपना धुन में,
हीत मीत ना भाई बा।
खाली रस्म अदाई बा,
नित लगाई बुझाई बा।
एक काम जोड़ी तोड़ीं,
आपन बीन बजाई बा।
अनसोहाँत लड़ाई बा,
रोज पीठ ठोकाई बा।
साथे दियासलाई बा,
सबके इहें कमाई बा।
बात बात हंसाई बा,
दोसरा के बुराई बा।
आपन केहू ना देखें,
एहमें जगहँसाई बा।
रोजे गाल बजाई बा,
चारोतरफ बड़ाई बा।
शान बघारे गलीगली,
लागे हातिमताई बा।
भेदभाव सुखदाई बा,
देखीं बाँह चढ़ाई बा।
जातपांत पे नंबर बा,
चूनावी ओझाई बा।
सूरू नया पढ़ाई बा,
जानीं फेर चढ़ाई बा।
रोजे राम दुहाई बा,
आजादी फलदाई बा।
-अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड