वाणी वंदना, मां को समर्पित कृति - कवि संगम त्रिपाठी

 
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Utkarshexpress.com झारखंड - कवि रामप्रवेश पंडित मेदिनी नगर पलामू झारखंड साहित्य के क्षेत्र में सिद्धहस्त हस्ताक्षर हैं। प्रस्तुत पुस्तक वाणी वंदना में उन्होंने देवी के विभिन्न रुपों को आधार बनाकर वंदना की है। कवि रामप्रवेश पंडित ने मां सरस्वती व दुर्गा के विविध स्वरूपों का वर्णन किया है। कवि दीन भाव से मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए लिखते है......
दूर दिखता है किनारा क्या करुं,
डूबती है नाव को पतवार दे।
कर सकूं मैं साधना सुर छंद की,
शब्द का संसार दे मां शारदे।
सच्चे मन से कवि ने मां को अपनी लेखनी द्वारा शब्दों के संगम से साहित्य साधना को अभिव्यक्त किया है।
पुस्तक - वाणी वंदना
रचनाकार - डॉ रामप्रवेश पंडित
संपर्क - 9631816708
समीक्षक - कवि संगम त्रिपाठी, जबलपुर - मध्यप्रदेश

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