क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र किन्नरों के बारे में - पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री

 
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Utkarshexpress.com - किन्नर, समाज का तीसरा वर्ग माना जाता है। जब से दुनिया बनी है, तब से इस सृष्टि में किन्नर मौजूद हैं, जिसका उल्लेख पुराणों और पौराणिक कथाओं में किया गया है। शिव पुराण में जिक्र किया गया है  कि सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी ने अपनी योग शक्ति से पुरुषों को उत्पन्न किया। योग द्वारा मनुष्यों और जीवों को उत्पन्न करने में काफी समय लग रहा था, ऐसे में ब्रह्मा जी के निवेदन पर भगवान शिव ने अपने शरीर के आधे अंग से एक स्त्री को उत्पन्न किया और शिव अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए।
अर्धनारीश्वर रूप में भगवान शिव न पूर्ण रूप से पुरुष थे और न पूर्ण स्त्री। अर्धनारीश्वर रूप से जहां सृष्टि में स्त्री रूप का सृजन हुआ, वहीं किन्नर की भी परिकल्पना हुई। इसलिए भगवान शिव ही किन्नरोंं को सृष्टि में लाने वाले माने जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बुध ग्रह नपुंसक माना जाता है, इसलिए किन्नरों में बुध ग्रह का वास माना गया है। यही वजह है कि बुध ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए किन्नरोंं का ज्योतिषशास्त्र में काफी महत्व बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को नपुंसक माना गया है और किन्नर भी न तो स्त्री होते हैं और न पुरुष। बुध ग्रह शुभ या अशुभ कोई फल नहीं देता, बल्कि जिस ग्रह के साथ वो बैठा है, वह उसी के अनुसार फल देने लगता है। बुध ग्रह के दोषों को दूर करने का उपाय भी किन्नरों से ही संबंधित है। ज्योतिष के अनुसार किन्नर, बुध ग्रह के प्रतीक होते हैं। इन्हें प्रसन्न कर बुध ग्रह को शांत किया जा सकता है। इन्हें दिए जाने वाले दान का संबंध स्वयं बुध ग्रह की प्रसन्नता से है। जिस व्यक्ति का बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, वह अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व का मालिक होता है। उसकी वाणी से निकली बात भी खाली नहीं जाती।
हमारे समाज में किन्नरों को मंगलमुखी भी कहा जाता है। इसीलिए  घर में कैसा भी शुभ अवसर जैसे शादी-ब्याह, जन्म या अन्य किसी भी प्रकार के शुभ कामों  में किन्नरों को सम्मान स्वरूप आमंत्रित कर इनसे आशीर्वाद लेते  हैं, लेकिन  घर में कोई भी मातम या घटना होने पर इन्हें बिल्कुल नहीं बुलाया जाता और ऐसी भी मान्यता रही है कि  कोई भी किन्नर किसी व्यक्ति को शाप दे दे तो उसका विनाश होना  सुनिश्चित है। इसीलिए  घर के बूढ़े-बुजुर्ग सभी परिवार वालों को कहते हैं कि किसी भी किन्नर को दुख नहीं पहुंचायें और  हो सके तो उनका आशीर्वाद लेते रहें।
जानिए कौन बनता हैं किन्नर- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरु, चन्द्र नहीं देख रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है। कुंडली में जिस घर में शुक्र बैठा है, उससे छठवें या आठवें घर में शनि है तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो सकती है। अगर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि है तो इस तरह की समस्या से बचाव होता है। जन्म के समय कुंडली में शनि छठवें या बारहवें घर में, कुंभ या मीन राशि पर हो और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शनि को नहीं देख रहा हो तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्ति किन्नर हो सकता है।
प्राचीन काल से धन का महत्व काफी अधिक बताया गया है। धन संबंधी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है साथ ही धन की देवी महालक्ष्मी  शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कितना धन मिलेगा, उसका भाग्य कैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर व्यक्ति के पूर्व जन्मों से जुड़े हुए हैं। इंसान के जैसे कर्म पिछले जन्म में होते हैं ठीक वैसा ही प्रारब्ध या भाग्य नए जन्म में होता है। कई बार व्यक्ति पैसों की तंगी के कारण अत्यधिक परेशानियों का सामना करता है। इससे निपटने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं। व्यक्ति की कुंडली में यदि कोई ग्रह विपरीत फल प्रदान करने वाला है तो उससे संबंधित ज्योतिषीय उपचार किया जाना चाहिए। धन से जुड़ीं परेशानियों को दूर करने के लिए एक सटीक उपाय बताया गया है।
बुध ग्रह का संबंध व्यापार, बुद्धि, सेक्स लाइफ, त्वचा एवं धन से होने कारण ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह का अपना एक खास स्थान है और इसे अनुकूल एवं जागृत बनाने की सलाह दी जाती है। बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है और किन्नर भी बुध से संबंध रखते हैं इसलिए बुधवार के दिन किन्नरों से संबंधित इस उपाय को आजमाना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है।
ज्योतिषशास्त्र के उपायों में बताया गया है कि बुधवार के दिन अगर किन्नर दिख जाए तो उसे बुरा-भला कहकर भगाएं नहीं, बल्कि उन्हें कुछ धन जरूर दान करें। अगर किन्नर खुश होकर आपके दिए धन से एक रूपया भी निकालकर आपको वापस दे दे तो उसे अपने पर्स में संभालकर रखें। यह आपकी आर्थिक उन्नति के लिए बहुत ही शुभ होता है। यूं तो किन्नरों को आपने विवाह-शादी या बच्चे के समय नाचते-गाते कई बार देखा होगा। यह घर की खुशियों में शामिल होकर बड़े रोब से बधाई मांगते हैं। सड़कों और घरों में जाकर नाचते-गाते हैं। ये रेल और बसों में भी नाचते और पैसे मांगते नजर आते हैं। लोग इनसे आशीर्वाद लेते हैं। किन्नरों के आशीर्वाद को कारगर माना जाता है।
बुधवार के दिन किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र का दान भी बुध के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है। हरा रंग और किन्नर दोनों ही बुध ग्रह से संबंधित है, इसलिए ज्योतिषशास्त्र में किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र देना शुभ फलदायी बताया गया है। किन्नरों को हरे रंग की चूडिय़ां दान करना भी कारोबार एवं धन वृद्धि में आने वालीं बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है। किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती हैं। धन लाभ चाहते हैं तो किसी किन्नर से एक सिक्का लेकर पर्स में रखें। जब भी आपको कोई किन्नर नजर आए तो उसे भोजन पर आमंत्रित करें ऐसा संभव न हो तो उसे कुछ रुपए आदि भेंट स्वरूप दें। वैसे तो किन्नर आप पर प्रसन्न होकर खुद से आपको सिक्का या रुपए दें तो उसे मना न करें। इसे अपने उज्ज्वल भाग्य का संकेत समझें और उसे लेकर अपने गल्ले, कैश बॉक्स या धन स्थान पर रख दें। यदि ऐसा नहीं होता तो किन्नर से खुद एक सिक्का मांगकर इन स्थानों पर रखें। कुछ ही दिनों में आपकी सेविंग और इनकम में बढ़ोतरी होने लगेगी।
एक मान्यता है कि ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है। दूसरी मान्यता यह है कि अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार शिखंडी को किन्नर ही माना गया है। शिखंडी की वजह से ही अर्जुन ने भीष्म को युद्ध में हरा दिया था।
यदि कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो किसी किन्नर को हरे रंग की चूडिय़ां व साड़ी दान करनी चाहिए।  इससे लाभ होता है। दीपावली के दिन यदि कोई किन्नर संज-संवरकर दिखाई दे तो ये धन लाभ का संकेत हो सकता है। (विभूति फीचर्स)

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