सातवें वेतन आयोग में पुनः वेतन स्थिरीकरण के निर्देश राज्य सरकार का स्वागत योग्य कदम - धर्मेन्द्र गहलोत 

 
pic

utkarshexpress.com सिरोहीः- राज्य सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग में वेतन स्थिरीकरण में विकल्प पत्र के अभाव में हजारो शिक्षकों को नये वेतनमान में नुकसान उठाना पडा था जिस पर पुनः विकल्प देने के आधार पर वेतन स्थिरीकरण के आदेश जारी करने राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट में की गई घोषणा के अनुरूप आदेश जारी करने पर शिक्षकों एवं कर्मचारियों के हित में लिये गये फैसले का संगठन ने स्वागत किया। 
शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि पुनरीक्षित वेतनमान नियम 2017 में सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन स्थिरीकरण हेतु 1 जनवरी 2016 को बिना विकल्प पत्र के वेतन स्थिरीकरण करने से हजारों शिक्षकों को आर्थिक नुकसान हुआ था। जिस पर संगठन द्वारा राज्य सरकार को समय-समय पर शिक्षको एवं कर्मचारियों को हुए नुकसान से अवगत कराकर पुनः विकल्प लेकर वेतन स्थिरीकरण करने के संदर्भ में कर्मचारी वेतन विसंगति निराकरण समिति के समक्ष संगठन द्वारा प्रभावी मांग रखने के बाद राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र में तत्काल निर्णय कर वित्त विभाग एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा आदेश जारी कर 31 जुलाई 2023 तक पुनः विकल्प प्रस्तुत कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अविलम्ब वेतन स्थिरीकरण करने के निर्देश से राज्य के हजारों शिक्षकों एवं कमर्चारियों को आर्थिक नुकसान से निजात मिल सकेगी। गहलोत सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में व्यापक स्तर पर खुशी का माहौल देखने को मिल रहा हैं।

Share this story