'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई देहरादून के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित 

 
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utkarshexpress.com देहरादून - 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई देहरादून के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई। भारतीय परम्परानुसार सर्वप्रथम माँ के श्री चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ डॉ. क्षमा कौशिक की वाणी वंदना से हुआ। गोष्ठी का संचालन 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई की महामंत्री श्रीमती कविता बिष्ट 'नेह' जी द्वारा किया गया।
तत्पश्चात काव्य पाठ की साहित्यिक धारा में सभी ने अपनी सुंदर-सुंदर प्रस्तुति से मंच को शोभायमान बनाया। सभी की उत्कृष्ट रचनाओं से पूरा पटल काव्य रंग में सराबोर हुआ। मातृ दिवस के उपलक्ष्य में 'माँ' पर कविताओं ने मन छू लिया। बहुत भावुक एवं मार्मिक शब्दों से रचनाओं को प्रस्तुत किया।  
गोष्ठी में राष्ट्रीय कवि संगम की अध्यक्ष डॉ. इंदु अग्रवाल, मुख्य अतिथि डॉ. सविता मोहन, उपाध्यक्ष डॉ. क्षमा कौशिक, राष्ट्रीय कवि संगम की गढ़वाल महामंत्री श्रीमती मणि अग्रवाल 'माणिका' , महामंत्री कविता बिष्ट 'नेह' आ. आभा 'दुनवी' , प्रो. उषा झा , श्रीमती रेखा जोशी , श्रीमती सुनीता गोयल  सहित अनेको कलमकार उपस्थित रहे। मातृ दिवस पर आयोजित काव्य गोष्ठी में सभी प्रभुत्वजनों की गरिमामय उपस्थिति रही।
डॉ. सविता मोहन  ने अपनी "कहानी और कहानी की पुनरावृत्ति की पीड़ा", एवं 
"मां ने दूध मुझे पिलाई होगी
जब मेरा जन्म हुआ होगा।"
डॉ. इंदु अग्रवाल जी ने "वो छोटा सा अंगना वो नाज़ुक नन्हे फूलों का खिलना। वो फ़र्शे मख़मल का बिछना, उस पर नंगे पैरों का छिलना।"
श्रीमती मणि अग्रवाल 'मणिका' "माँ को परिभाषित कर दें जो, ऐसे शब्द कहाँ से लाऊँ!"
"करे लेखनी यत्न हजारों उद्यम मगर न्यून ही पाऊँ।" 
श्रीमती कविता बिष्ट 'नेह'  "आपकी चरण रज 'कविता' होती सहज, निःस्वार्थ करती प्यार मातु गुणकारी है।"
श्रीमती रेखा जोशी ने "मन के सूने आंगन में, कौन सजाता है कलियां।"
डॉ. क्षमा कौशिक ने "कहीं है प्यार की भाषा चमकती मूक आखों ने तुम्हारा स्नेह पसरा है हृदय की तरल।"
प्रो. उषा झा ने "विमल वह कोख जिसने जग दिया उपहार में हमको।" श्रीमती आभा 'दुनुवी' ने "थकी है आज बहुत माँ ज़रा सा सोने दो! किसी भी काम में हो जाए देरी होने दो।"
सभी रचनाकारों को उच्चतम काव्यपाठ हेतु स्नेह तथा शुभकामनाएं प्राप्त हुईं। मुख्य अतिथि डॉ. सविता मोहन ने सभी को आशिर-वचन दिए। ज्ञानवर्धक ज्ञापन से सबके मन को छू लिया। अपने व्यक्तव्य के माध्यम से शुभकामनाएं प्रेषित किया। डॉ. इंदु अग्रवाल जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन से आशिर-वचन देकर गोष्ठी को पूर्णिता प्रदान की और बहुत तन्मयता से अपनी रचना के वाचन से मन को हर्षित किया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री डॉ. सविता मोहन जी (शिक्षाअधिकारी) रहीं। गोष्ठी की अध्यक्षता 'राष्ट्रीय कवि संगम' की अध्यक्ष डॉ. इंदु अग्रवाल जी द्वारा की गयी। 
(कविता बिष्ट 'नेह', महामंत्री 'राष्ट्रीय कवि संगम' महिला इकाई महानगर देहरादून, उत्तराखंड)

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