मनोरंजन
चाय – सविता सिंह

उफ्फ्फ ये चाय
आज फिर वैसी ही स्वाद,
इतने सारे वर्ष बाद,
या कोई है राज खास
इस चाय की होती आस।
शायद कुछ अनकहे शब्द,
चाय में घुलते हर बार,
सिर्फ कभी आते हो तुम,
आ जाता फिर वही स्वाद।
– सविता सिंह मीरा, जमशेदपुर