देश-विदेश

पल-पल,क्षण-क्षण बर्बादी की ओर बढ़ता पाकिस्तान (मनोज कुमार अग्रवाल

utkarshexpress.com – पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। 7-8 और 9 मई की मध्य रात्रि में पाकिस्तान ने भारत के कई सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य स्थलों, एयरबेस एयरपोर्ट और नागरिक स्थानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की हिमाकत की । बदले में भारतीय सेना ने बहुत संयम से काम लेते हुए जो प्रतिरोधक बचाव और पलटवार किया है उससे पाकिस्तान की हालत पतली हो गयी है। इस वक्त पाकिस्तान की जान हलक में अटकी हुई है। इसके बावजूद उसकी अकड़ कम नहीं हो रहा है। वह भारत के विरुद्ध ऐसी नापाक कोशिशें निरंतर कर रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बड़े। पहलगाम हमले के बाद भारत ने काफी संयम बरतते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके में सिर्फ आंतकी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया है, जिन्होंने भारत के विरुद्ध साजिश रचने और हमले को अंजाम दिया था। पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला करके केवल आतंकवादियों की कमर तोड़ने की कोशिश है। बेहद सुनियोजित व सटीक तथा नियंत्रित कार्रवाई से भारत ने दुनिया को संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति जीरो टॉलरेंस की है। भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों व नागरिक संस्थानों को निशाना न बनाकर मानवता का संदेश तो दिया ही लेकिन यह भी बताया कि हमें आत्मरक्षा का अधिकार है। साथ ही दुनिया को यह भी बताया कि विश्व बंधुत्व हमारा सांस्कृतिक संकल्प है लेकिन यदि हमारी बेटियों के सिंदूर छीने जाएंगे तो हम अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं लांघकर भी आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने से नहीं हिचकेंगे। यह भी कहा कि मानवता के संरक्षण के संकल्प के साथ हम कभी नागरिकों को निशाना नहीं बनाएंगे। मगर दुःखद बात है कि आतंकी देश पाकिस्तान बौखलाहट में लगातार भारत विरोधी नापाक कोशिश रहा है। इसी नापाक कोशिश के तहत उसने भारत में 15 शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे सेना ने नाकाम कर दिया। भारत के तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार 7 – 8 और 9 मई की बीच वाली रात को पाकिस्तान ने उत्तर और पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया। इनमें अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, उत्तरलाई, नाल, फलौदी और भुज शामिल थे। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए इन स्थानों को निशाना बनाया। हालांकि, काउंटर यूएएस और एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से भारत ने इन हमलों को निष्क्रिय कर दिया। हमलों को निष्क्रिय करने के बाद मलबे को बरामद कर लिया गया है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के पुंछ और तंगधार सेक्टर में लगातार गोलाबारी कर रहा है, जिससे भारत के कम से कम 15 नागरिकों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पाकिस्तान ने जान-बूझकर सीमा के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया। गोलाबारी की वजह से कई घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और गांवों में भारी दहशत फैल गई है। हालांकि भारतीय सेना इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रही है और आने वाले समय में उसको और भी ज्यादा माकूल जवाब मिलेगा। आतंकी देश को समझना होगा कि वह भारत के विरुद्ध चाहे कितनी भी नापाक कोशिश कर लें, लेकिन वह अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं हो सकता है। भारत अपने हवाई सुरक्षा ढांचे को इतना मजबूत कर चुका है, कि वह पाकिस्तान और पड़ोसी देशों से होने वाले संभावित हवाई खतरों का प्रभावी रूप से मुकाबला कर सके। देश की वायु रक्षा प्रणाली में आधुनिक मिसाइल सिस्टम, उन्नत रडार और समर्पित कमांड सेंटर शामिल हैं, जो दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को समय रहते पहचान कर उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। भारतीय वायुसेना ने बुधवार रात भारत की तरफ आ रहे टारगेट्स को वायु रक्षा प्रणाली ‘एस-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल सिस्टम’ से निशाना बनाया। एस-400 से सफलतापूर्वक सभी टारगेट्स को तबाह कर दिया गया। वहीं भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हार्पी ड्रोन्स से पाकिस्तान के वायु सुरक्षा प्रणाली को निशाना बनाया और लाहौर स्थित रडार सिस्टम को तबाह कर दिया। एस-400 वायु रक्षा प्रणाली उपकरणों का एक नेटवर्क है, जिसे हवाई खतरों से निपटने के लिए किसी विशिष्ट क्षेत्र में तैनात किया जाता है। यह दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारतीय वायुसेना के ताकतवर हथियारों में से एक माना जाता है। यह किसी भी संभावित खतरे को हवा में ही तबाह करने में सक्षम है। एस-400 मिसाइल सिस्टम को चीन और पाकिस्तान के खतरे को ध्यान में रखकर तैनात किया गया है। इसकी रेंज 40 से 400 किलोमीटर के बीच है। भारत और रूस के बीच साल 2018 में एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सौदा हुआ था। सौदे के तहत भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन रेजीमेंट मिल चुकी हैं। भारत को अभी दो और रेजीमेंट मिलनी हैं, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उनमें देरी हुई है और अब उनके साल 2026 में मिलने की उम्मीद है। एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के एक रेजीमेंट में आठ लॉन्चर होते हैं। मतलब आठ लॉन्चिंग ट्रक और हर एक ट्रक में चार लॉन्चर होते हैं। हर लॉन्चर से चार मिसाइलें निकलती हैं। मतलब एक रेजीमेंट कभी भी 32 मिसाइलें दाग सकता है। यह आसमान से घात लगाकर आने वाली किसी भी मिसाइल को पलक झपकते ही बर्बाद करने की क्षमता रखता है। यह दुनिया के सबसे सटीक एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। खास बात ये है कि किसी भी क्षेत्र से आने वाले न्यूक्लियर मिसाइल को भी ये हवा में ही नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके जरिए दुश्मनों की सीमा के अंदर भी नजर रखी जा सकती है। भारतीय वायुसेना में अब आधुनिक ड्रोन भी शामिल हो गए हैं। भारत ने हार्यों ड्रोन्स की मदद से पाकिस्तानी रडार सिस्टम को निशाना बनाया। हार्यों ड्रोन्स को इजराइल की कंपनी इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया गया है। यह उन्नत श्रेणी का लोइटरिंग कम्युनिकेशन सिस्टम है, जो हवा में मंडराते हुए दुश्मन पर नजर रखता है और इशारा मिलते ही उसे तबाह कर देता है। हार्यों ड्रोन्स की खासियत ये है कि इसे निगरानी के साथ ही हमले के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दुश्मन की वायु सुरक्षा प्रणाली को तबाह करने में इस ड्रोन का लोहा दुनिया मानती है। यह ड्रोन 9 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है और एक हजार किलोमीटर तक की रेंज में हमला कर सकता है। इस खासियत की वजह से यह ड्रोन दुश्मन देश में काफी भीतर तक हमला करने में सक्षम है। इसका एक नजारा पाकिस्तान देख चुका है। ऐसे में पाकिस्तान को समझना होगा कि अगर वह कोई भी उलटी हरकत कर देता है तो भारतीय सेना का करारा जवाब तय है। अच्छा होगा कि वह घुटनों के बल बैठकर अपनी नापाक हरकतों के लिए भारत से माफी मांगे और आतंकियों गतिविधियों से तौबा करें। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो आने वाला समय पाकिस्तान के लिए काफी खराब होने वाला है, क्योंकि भारत ने अपना ऑपरेशन सिंदूर अभी बंद नहीं किया है। ऐसे में यदि पाकिस्तान समय रहते नहीं मानता है तो उसका बुरी तरह तबाह होना तय है। (विनायक फीचर्स)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button