मनोरंजन
एक आख़िरी सलाम – प्रियंका सौरभ

जब भीड़ के शोर में ख़ामोशियाँ गूंज उठें,
और रुखसत होते क़दमों की आहट,
जज़्बातों के पंखों पर सवार हो जाए,
तब समझो, कहानी अपने अंजाम पर है।
तुम्हारे हर शॉट में बसता था एक युग,
हर रन में लिखी थी उम्मीद की गाथा,
वो लहराते बल्ले की ख़ामोश चीखें,
और स्टेडियम में गूंजती बेजोड़ आहट।
तुम गए, तो ऐसा लगा,
जैसे कोई घना दरख़्त गिरा हो,
जड़ें तो ज़मीन में हैं,
पर साया कहीं खो गया हो।
वो चौकों की धार, वो छक्कों का संगीत,
भीड़ की तालियाँ, हर रिकॉर्ड का साक्षी,
अब बस स्मृतियों का शोर है,
और एक ठहरी हुई सांझ का गीत।
पर कहानी यहाँ ख़त्म नहीं होती,
हर अंत एक नए आरंभ की आहट है,
शायद कल फिर उठेगी ये धूल,
और तुम्हारी क़दमों की गूंज फिर से लौटेगी।
#ViratKohli #RohitSharma
-प्रियंका सौरभ उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)-127045 (मो.) 7015375570