अमिता गुप्ता नव्या की काव्य संग्रह भावों का समंदर – डॉ पूर्णिमा पाण्डेय ‘पूर्णा’

utkarshexpress.com – सरल सहज युवा कवयित्री अमिता गुप्ता नव्या की भावो का समंदर शानदार काव्य संग्रह है। कवर पेज बहुत आकर्षक है जिसमें समुद्र दिखाया है और अमिता गुप्ता की बहुत सुंदर तस्वीर है । पुस्तक का मूल्य 199 रुपए है इसका प्रकाशन किताब राइटिंग पब्लिकेशन मुंबई महाराष्ट्र द्वारा किया गया है ।
कवयित्री का कहना है कि एक मोती के पिरोने से माला बनकर तैयार होती है ठीक उसी प्रकार मेरी प्रत्येक रचना बराबर की हिस्सेदारी है, .इस काव्य संग्रह भावों का समंदर के सृजन में।
यह काव्य संग्रह आपने अपने परम पूज्य बाबा को समर्पित किया है । अगले पेज पर शुभकामनाएं डॉ दवीना अमर ठकराल, विनोद शर्मा,आ. निर्दोष जैन की हैं। अगले पेज पर अपने अपने माता-पिता को नमन वंदन किया है।
अनुक्रमणिका बहुत व्यवस्थित ढंग से बनी है जिसमें 72 रचनाएं हैं । गजानन गणपति की वंदना से शुरू होकर भावों के समंदर पर समाप्त होती हैं। वंदना में गजानन गणपति, मां शारदे, शिव को समर्पित रचनाएं हैं।
गजानन की स्तुति बहुत सुंदर ढंग से की है।
हे देव दूर करो बाधा
हमारी हर लो सारी विपदा
मिटाओ संकट अब सारे
हे गणनायक देना शुभता।
शारदे मां की वन्दना करते हुए अपने मन के भावों को इस प्रकार व्यक्त किया है
मां वागीश्वरी हे वीणवादिनी
मां मेरी शारदे मां मुझे तार दो।
जीवन एक संघर्ष, अभिलाशा,नूतन विहान ,हार जीत आदी रचनाएं आशा की नूतन किरण संचालित करती हैं । अमिता गुप्ता की कुछ रचनाएं मातृ शक्तियों को समर्पित हैं ।
नभ जल थल शिख बढ़ी बेटियां
सक्षम सशक्त शिक्षित हो
खुलकर जिए अधिकार उनका
पाथ में ना विचलित हो ।
नाग पंचमी ,प्रीत ,विदाई , प्रकृति की शोभा, पूनम का चांद, दुआ ,रिश्ते, मेहंदी, चाहत आदि सभी रचनाएं सराहनीय हैं। इस काव्य संग्रह में विविध विधाओं हाइकु , सायली, सेदोका में रचनाएं हैं। रचनाओं के शीर्षक बहुत सुंदर मन को मोहने वाले हैं।
कविताओं में एक प्रवाह है कम शब्दों में सारगर्भित बात कही है। भाषा शैली सरल सहज हृदय को स्पर्श करने वाली है जो पाठकों को निश्चय ही प्रेरित करेगी। अमिता गुप्ता नव्या को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आपकी लेखनी ऐसी है ही चलती रहे। भावों के समंदर काव्य संग्रह नए आयाम गढ़े ऐसी मेरी कामना है।
समीक्षिका – डॉ पूर्णिमा पाण्डेय ‘पूर्णा ‘प्रयागराज