मनोरंजन
ग़ज़ल – रीता गुलाटी

कर रही है आज राधा श्याम का इंतजार भी,
आ,जरा दर्शन भी दे दो,रख नही तू खार भी।
डाँटते रहते हमे भी,सामने से प्यार भी,
दूर रहकर कर रहे हैं आज तो तकरार भी।
बस वो आया जिंदगी मे,और चाहत भर गया,
खुशबूओ का था वो पेकर बन गया करतार भी।
जिंदगी है खूबसूरत दे रही खुशियाँ बड़ी,
प्यार मे ताकत बहुत है प्यार से परिवार भी।
माँ सुनाती आज लोरी खुश हुऐ बच्चे बड़े,
प्यार से देती है बच्चों को अब उपहार भी।
आज के बच्चे बड़े है होशियारी वो करें,
अब कहाँ सहते हैं बच्चे मात की ललकार भी।
मानता सारा जहाँ है पूजते उनको सभी,
युद्ध का भगवान कान्हा,प्रेम का अवतार भी।
दूसरो का दर्द अब समझा नही कोई यहां,
कौन समझा दर्द उसका बन रहे मक्कार भी।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़