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चौपाई छंद (सेहत) – अनिरुद्ध कुमार

सेहत से समझौता कैसा।
जैसी सेहत तनमन वैसा।।
काया सेहत पर इतराये।
सेहतमंद सबों को भाये।।
खाना पीना स्वच्छ जरूरी।
साफ सफाई जीवन धूरी।।
काया को जितना दौड़ाओ।
मनवांछित सेहत को पाओ।।
जैसी सेहत तनमन वैसा।
बिगड़ गई तो जैसा-तैसा।।
जीवन सेहत पर आधारित।
भूल हुई तो जीना बाधित।।
सेहत से ना कर नादानी।
बिगड़ी सेहत पानी पानी।।
सेहत पर दे सब कुर्बानी।
सेहत की दुनियाँ दीवानी।।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड