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छंद छटा – जसवीर सिंह हलधर

 

ब्याज को तो छोड़िए जो,मूल भी बचा न सके ,

ऐसे कारोबार में निवेश किस काम का ।

 

मात पितु का भी दाह,संस्कार हो न सके ,

रोज़गार के लिए विदेश किस काम का ।।

 

देश संप्रभुता को , चोट पहुंचाने वाले ,

मौलवी या संत का , संदेश किस काम का ।

 

देश हित जीया नहीं , न ही देश हित मरा ,

शेख किस काम का , सुरेश किस काम का ।।

– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून

 

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