तेरी यह सोच बिल्कुल गलत है कि – गुरुदीन वर्मा

तेरी यह सोच बिल्कुल गलत है कि,
मैं तुमको भुला नहीं पाऊँगा कल,
तुम्हारे बिना जी नहीं सकूंगा यह जीवन,
नहीं रह पाऊंगा खुश मैं,
तुमसे बिछुड़कर कल,
क्योंकि मुझको तुमसे बहुत प्यार है।
तेरी यह सोच बिल्कुल गलत है कि,
मैं सच नहीं कर सकूंगा अपने सपनें,
गुलज़ार नहीं कर सकूंगा अपना चमन,
नहीं जला सकूंगा अपने जीवन के दीप,
और हो जाऊंगा गुमनाम तुम्हारे बिना।
तेरी यह सोच बिल्कुल गलत है कि,
मुझको नहीं मिल पायेगी,
मेरी मंजिल तुम्हारे बिना,
नहीं हो सकेगी रौनक,
मेरे आँगन में तुम्हारे बिना,
नहीं बरसेंगे फूल,
मेरी राहों में तुम्हारे बिना,
कुछ भी नहीं होगा वजूद,
मेरी हस्ती का तुम्हारे बिना,
क्योंकि मैं तुमको बहुत चाहता हूँ।
तेरी यह सोच बिल्कुल गलत है कि,
मेरे लिए बहुत ही मुश्किल होगा,
अपना वक़्त गुजारना तुम्हारे बिना,
आयेगी हर वक़्त याद तू ,
मुझको कल तुम्हारे बिना,
लेकिन प्रेम दर्शाने का तरीका और भी है,
शायद तू सोचती है कि,
मैं सिर्फ तुमको ही प्यार करता हूँ।
– गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां (राजस्थान)