मनोरंजन
पूर्णिकांश – श्याम कुंवर भारती

खून के आंसू –
किया है जो तुमने माफी के काबिल नहीं है तुमको रुलाया नहीं तो कहना।
निर्दोषों खून बहाने वाले रौंद पैरो तले तुमको पैरों नहीं झुकाया तो कहना ।
जितनी सेखियों बघारनी है बघारो और धमकियां देनी है दे लो तुम खूब।
कर के नेस्तनाबूद तुम्हारे ऐसगाहो खून के आंसू नहीं रुलाया तो कहना
हिंद की सेना –
घिर चुका है चारो तरफ से दुश्मन बच के कहा जाएगा।
हिंद की सेना है हरकत में होगा पाताल में वहा पायेगा।
ऊपर रफाल नीचे बोफोर्स तोप सागर विक्रांत मंडरा रहा।
टुकड़े टुकड़े होगा पाक मिलेगी न मदद वैरी जहां जायेगा।
– श्याम कुंवर भारती, बोकारो