मनोरंजन

मन कानन के फूल – सुनील गुप्ता

आज हाथों में आयी मेरे

जब छपकर ये काव्य पुस्तक !

तब झूम उठा तन-मन सारा …,

और दी खुशियों ने दस्तक !!1!!

 

जौहरी पब्लिकेशन काशी ने

इसे ये रंग रुप आकार दिया  !

और शब्द संयोजन चित्रों ने…,

इसे सच में साकार किया !!2!!

 

सुनीता जी ने राह दिखलाई

बनके पुस्तक हाथों में आयी  !

मेहनत लगन से फूल खिले…,

चहुँओर बगिया महकी हर्षायी !!3!!

 

कृतज्ञ हूँ, करता आभार प्रकट

काशी साहित्यिक संस्थान का  !

और देता चलूँ सभी को साधुवाद….,

मन कानन के फूल छापने का !!4!!

 

चलो आइए, इसे खोलकर पढ़ें

और लेते चलें आनंद गीतों का !

ये करती चले उद्घाटित रहस्यों को.,

और सुझाए हल गूढ़ प्रश्नों का  !!5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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