समय की पुकार – जया भराड़े बड़ोदकर

Utkarshexpress.com – दुनिया वाट्सअप फेसबुक ट्वीटर इंस्टाग्राम में खो गई हैं। कहीं भी कोई जागरूकता दिखाई नहीं देती, समय की रफ्तार अंधेरे में बढ़ती जा रही है। ये समय की पुकार है कि जो समय हमारे पास है वह एक दूसरे से काफी दूर बनाने की बजाय आपस में जोड के कैसे रखें। बच्चों को भी अपनी सुध-बुध को होशो-हवास में रखना होगा। सभी लोग आपस में मिल जुल कर इस बात को समझना होगा और नए जीवन को गर्त में जाने से बचाना होगा। एक ही कार्य करके हम सभी इस नर्क के गर्क से बाहर निकल सकते है वो है कि हम सभी इस मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल करे। समय की पाबंदी बहुत जरूरी है तभी इस दुविधा से बाहर निकल सकेंगे। बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में सुबह अच्छा संस्कार मतलब गीता के श्लोक या कोई भी भगवान के संबंधित क्रिया कलाप योग आसन की गति विधि से जोड़ना होगा। स्वयं हमे खुद भी उनके साथ हर पल में जुड़ना होगा। स्वयं हमे भी मोबाइल फोन से कुछ दूरी बनानी बहुत जरूरी है। कुछ समय पहले जब मोबाइल फोन नहीं था तब हम बहुत अच्छी तरह जीवन को जी रहे थे। समय सूचकता का ज्ञान सभी लोगों को बहुत अच्छी तरह था। कही भी किसी बात की कोई कमी नजर नहीं आती थी। सूख समृद्धि शांति हर पल हर एक को चारों तरफ़ दिखाई देती थी। कोई बात नहीं अब भी हम अपने आस पास के सभी लोगों को इस समस्या से बाहर बड़ी आसानी से बाहर निकाल सकते है। बस एक ही कार्य करना होगा। हर पल हर एक को बहुत अच्छी तरह से समय का टाइम टेबल बनाना होगा। ऐसी गतिविधि को शुरु करना होगा। जिसमें सभी लोग अपने समय का सदुपयोग करके दूसरों की खुशी में अपनी खुशी को समझना होगा। तभी हम अपने आस पास के लोगों से मिलजुल कर रह पाएंगे और अपने जीवन को सूख समृद्धि और शांति की ओर ले जा पाएंगे।
– जया भराड़े बड़ोदकर, टाटा सीरी न 0।, टावर १A, ठाणे मुंबई, महाराष्ट्र