मनोरंजन
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आतंक के विरुद्ध, निर्णायक युद्ध हो – सुनील गुप्ता
( 1 ) हो आतंक के विरुद्ध अब युद्ध निर्णायक एक…, और चलें सीखलाते दुश्मन को सबक !! ( 2…
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दृढ़ संकल्प लेने का समय – शिवशरण त्रिपाठी
Utkarshexpress.com – पहलगाम में जिस तरह पाक समर्थित एवं पोषित तथा देश के गद्दारों द्वारा सहायतित आतंकवादियों ने 26 लोगों…
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हरियाणा के हिसार में, गावड़ गांव— “माटी की खुशबू में रची-बसी एक मंडप छह शादियाँ” – डॉ. सत्यवान सौरभ
Utkarshexpress.com – धूप की तपती किरणों के बीच, खेतों में लहलहाती फसलों के बीच, मिट्टी की सौंधी गंध में रची-बसी…
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आँगन में खिली छह खुशियों की बारात — प्रियंका सौरभ
माटी की सोंधी गंध में भीगा, धूप से तपता प्यारा आँगन, जहाँ राजेश ने बोया सपना, जहाँ फूटी थी…
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ग़ज़ल – रीता गुलाटी
छुपा था राज जो दिल मे,भला कैसे छुपाएगा, वफा के नाम पर मुझको नही अब तू सताएगा। तुम्हारे…
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अभी तो दिल्ली दूर है (व्यंग्य) – विवेक रंजन श्रीवास्तव
utkarshexpress.com – मैंने दिल्ली जाने का प्लान बनाया तो मित्र ने कहा अरे ‘दिल्ली तो बस एक ट्रेन टिकट दूर…
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रास्ता बता – अनिरुद्ध कुमार
छोड़ पीछा जिंदगी और ना सता, भूल बैठें राह अब रास्ता बता। फासला है दूर का दौड़ते फिरें, रौशनी रूठी…
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बदला – अंजू लता
प्रतिस्पर्धा, प्रतियोगिता दोनों में है भेद- एक बहाती रक्त है, दूजी श्रम का स्वेद, धोखा देकर वार करे, शत्रु नीच…
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कच्ची नींदों के ख्वाब – ज्योत्सना जोशी
बहुत से सवालों के जवाब नहीं हैं, बहुत सी खामोशी जेहन में बेताब थी। और क्या श़र्त रखते राह-ए-इश्क़ में…
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ग़ज़ल (हिंदी) – जसवीर सिंह हलधर
आदमी ने कर लिया है झूँठ को स्वीकार अब तो । आचरण में कौम के है युक्त भ्रष्टाचार अब तो…
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