मनोरंजन
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पूर्णिका – श्याम कुंवर भारती
अब तू ही बता तुझे कैसे भुलाया जाय, दिए तेरे ज़ख्मों को कैसे बहाया जाय। हद होती है…
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गीतिका — मधु शुक्ला
दे रहे दुख आदमी को आजकल अधिकार, सह रहा घाटा तभी कर्तव्य का व्यापार। हम हुआ अभिशप्त मैं…
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जिसकी जैसी सोच – राजेश कुमार झा
**जिसकी जैसी सोच उसने वैसा समझा मुझे।** **हम तो फूल थे लोगों ने काटा समझा मुझे** **किसी की सोच को…
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ये स्कूल हैं या सज़ा की तहरीर – डॉ सत्यवान सौरभ
कहाँ हैं वो जो कहते थे, उजाले बाँट देंगे, यहाँ तो चीखते सपने, अंधेरे काट देंगे। किताबें हैं मगर…
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ग़ज़ल – रीता गुलाटी
रहे बरसो अजी इंतजार हो,ऐसा नही होता, हमेशा एक ही से प्यार हो,ऐसा नही होता। स्वार्थ मे सभी डूबे,…
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चाय – सविता सिंह
उफ्फ्फ ये चाय आज फिर वैसी ही स्वाद, इतने सारे वर्ष बाद, या कोई है राज खास इस चाय की…
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वट सावित्री व्रत – सुधीर श्रीवास्तव
नारी के अपनत्व त्याग का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, वट सावित्री व्रत। जीवन साथी के दीर्घायु के लिए सुगागिनें करती हैं…
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भाषा विवाद का समाधान: एक देश एक संपर्क भाषा – डॉ. सुधाकर आशावादी
utkarshexpress.com – भाषा अभिव्यक्ति का प्रमुख आधार है। खग ही जाने खग की भाषा का राग पुराना है। अब नया…
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गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश – प्रियंका सौरभ
utkarshexpress.com – मुठ्ठी भर मुगल और अंग्रेज देश पर सदियों राज नहीं करते यदि भारत में गद्दार प्रजाति न होती।…
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कोरोना की भयावहता से बचें – आर सूर्य कुमारी
utkarshexpress.com – अभी हमारे देश में कुछ ऐसी बातें चल रही हैं कि फिर से कोरोना का प्रकोप दिखाई दे…
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