मनोरंजन
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गीतिका – मधु शुक्ला
वाणी पर अंकुश रखने की , कला जिन्हें आती, अपनेपन की डोरी उनसे , छूट नहीं पाती। सोच समझ कर…
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कहां है स्वर्ग ? (कहानी) – उषा जैन ‘शीरीं’
Utkarshexpress.com – दर्द से कराहते हुए सुहानी ने घुटनों पर हाथ रखा और बमुश्किल खड़ी हुई। उसने अपनी दृष्टि…
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पूर्णिकांश – श्याम कुंवर भारती
खून के आंसू – किया है जो तुमने माफी के काबिल नहीं है तुमको रुलाया नहीं तो कहना। निर्दोषों…
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सीधा वार, आर या पार – प्रियंका सौरभ
सीने में ज्वाला, निगाहों में अंगार, फौलाद से भी सख्त हिंद का ललकार, अब न केवल सरहदें कांपेंगी, दुश्मन…
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कविताएं – अतिवीर जैन ‘पराग’
नक्शे से पाक मिटाने दो – शेरों को खुला छोड दो, सीमा पार इन्हें जाने दो । काफिर हैं…
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सीमाओं की शेरनियाँ – प्रियंका सौरभ
वे उठीं जब घने अंधेरों से, ध्वंस की छाया से, मरुस्थल की लहरों से, हर कण में थी बिजली…
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कविता – जसवीर सिंह हलधर
आतंकी हमले से क्रोधित । संसद से उत्तर अनुमोदित ।। हिन्दू कहकर प्रहार किया , अब युद्ध नीति होगी…
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ये भारत की भूमि है -आर.सूर्य कुमारी
भारत भूमि के — पग – पग पर — सदा बसा रहता — धर्म का सार है । जन…
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तन मन धन सब करो समर्पित – हरि राम यादव
अब बातों से न काम चलेगा, चलेगा काम शीश कटाने से। पूरा होगा हम सब का सपना, जन गण…
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लड़ेके कभी – अनिरुद्ध कुमार
बेवजह लोग से ना लड़ेके कभी, दोसरासे कबों ना जरेके कभी। दिल लगाके हमेशा रहीं शान से, बात…
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