कविता – जसवीर सिंह हलधर

आतंकी हमले से क्रोधित ।
संसद से उत्तर अनुमोदित ।।
हिन्दू कहकर प्रहार किया ,
अब युद्ध नीति होगी शोधित ।।1
जिसने सिंदूर मिटाया है ।
सिंहों को आन जगाया है ।।
खप्पर मेरा भरना होगा ,
मां ने आदेश सुनाया है ।।2
रणचंडी को अब मिले भार्य ।
सेनाओं को दे दिया कार्य।।
संसद के दोनों सदनों ने ,
आदेश मानकर शिरोधार्य।।3
मोदी बैठा हुंकार लिए ।
नागों जैसी फुंकार लिए ।।
तैयार दिखी तीनों सेना ,
अपने अपने हथियार लिए ।।4
योद्धा रण के अरमान लिए ।
लड़ने का साज समान लिए ।।
डोभाल और चौहान मिले ,
लड़ने के अनुसंधान लिए ।।5
जो पाक अवज्ञा किया आज ।
ऐसा घृणित कर दिया काज ।।
भारत वीरों का रण कौशल,
मानेगा कल पूरा समाज ।।6
इजरायल बोला सुनो मित्र ।
समझो पाकिस्तानी चरित्र ।।
अरदास बलूचों की सुन लो ,
बदलो पड़ोस का मानचित्र ।।7
ये सदा हमें छलने वाला ।
आतंको में ढलने वाला ।।
मेरी मानो भारत वंशी ,
ये युद्ध नहीं टलने वाला ।।8
आतंकवाद से रण होगा ।
ये रण इतना भीषण होगा ।।
संकल्प लिया है भारत ने ,
अब पाकिस्तान मरण होगा ।।9
जसवीर सिंह हलधर , देहरादून